बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है Vivek Vaishnav याद भरी शायरी , Bewafaai sms , Hindi SMS , yaad bhari shayri Comment बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है ।तड़प उठती हूँ दर्द के मारे,ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है ।अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।